Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2024 · 1 min read

* मुक्तक* *

* मुक्तक* *
~~
शोर मचाते हैं बहुत, श्वेत कपासी मेघ।
और किया करते सहज, दूर उदासी मेघ।
रिमझिम हैं जब बरसते, हर्षित होते लोग।
बन जाते हैं स्वयं तब, मेल-जोल के योग।
~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ११/०८/२०२४

1 Like · 1 Comment · 29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all
You may also like:
तमाशा जिंदगी का हुआ,
तमाशा जिंदगी का हुआ,
शेखर सिंह
..
..
*प्रणय प्रभात*
एक चतुर नार
एक चतुर नार
लक्ष्मी सिंह
मन
मन
SATPAL CHAUHAN
दोहे _ उलझे उलझे ।
दोहे _ उलझे उलझे ।
Neelofar Khan
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*जीवन में प्रभु दीजिए, नया सदा उत्साह (सात दोहे)*
*जीवन में प्रभु दीजिए, नया सदा उत्साह (सात दोहे)*
Ravi Prakash
I don't need any more blush when I have you cuz you're the c
I don't need any more blush when I have you cuz you're the c
Chaahat
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
VINOD CHAUHAN
मेरी भी कहानी कुछ अजीब है....!
मेरी भी कहानी कुछ अजीब है....!
singh kunwar sarvendra vikram
3250.*पूर्णिका*
3250.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तस्वीर
तस्वीर
Dr. Mahesh Kumawat
अपनों की महफिल
अपनों की महफिल
Ritu Asooja
23)”बसंत पंचमी दिवस”
23)”बसंत पंचमी दिवस”
Sapna Arora
देख तिरंगा मन डोला
देख तिरंगा मन डोला
Pratibha Pandey
एक अलग सी चमक है उसके मुखड़े में,
एक अलग सी चमक है उसके मुखड़े में,
manjula chauhan
आप शिक्षकों को जिस तरह से अनुशासन सिखा और प्रचारित कर रहें ह
आप शिक्षकों को जिस तरह से अनुशासन सिखा और प्रचारित कर रहें ह
Sanjay ' शून्य'
उसके बदन को गुलाबों का शजर कह दिया,
उसके बदन को गुलाबों का शजर कह दिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब जी हुजूरी हम करते नहीं
अब जी हुजूरी हम करते नहीं
gurudeenverma198
कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर
कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
आश्रम
आश्रम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
" नश्वर "
Dr. Kishan tandon kranti
खुद से ही अब करती बातें
खुद से ही अब करती बातें
Mamta Gupta
भयंकर शायरी
भयंकर शायरी
Rituraj shivem verma
मंजिल का आखरी मुकाम आएगा
मंजिल का आखरी मुकाम आएगा
कवि दीपक बवेजा
Gratitude Fills My Heart Each Day!
Gratitude Fills My Heart Each Day!
R. H. SRIDEVI
न जाने वो कैसे बच्चे होंगे
न जाने वो कैसे बच्चे होंगे
Keshav kishor Kumar
**मन मोही मेरा मोहिनी मूरत का**
**मन मोही मेरा मोहिनी मूरत का**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वादी ए भोपाल हूं
वादी ए भोपाल हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सास बहू..…. एक सोच
सास बहू..…. एक सोच
Neeraj Agarwal
Loading...