मुक्तक
मुक्तक
बिछड़े दिलों को पास बुलाता ये पर्व है
हर भेदभाव मन के मिटाता ये पर्व है
ये होली सिर्फ़ रंग का त्योहार ही नहीं
आपस में प्रेमभाव बढ़ाता ये पर्व है
प्रीतम श्रावस्तवी
मुक्तक
बिछड़े दिलों को पास बुलाता ये पर्व है
हर भेदभाव मन के मिटाता ये पर्व है
ये होली सिर्फ़ रंग का त्योहार ही नहीं
आपस में प्रेमभाव बढ़ाता ये पर्व है
प्रीतम श्रावस्तवी