* मुक्तक *
* मुक्तक *
हो गयी है अनकही बातें पुरानी देखिए।
किंतु थम जाती नहीं उनकी रवानी देखिए।
याद आ जाती कभी जब भी अचानक वो हमें।
बुन रही होती सहज नूतन कहानी देखिए।
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २१/०१/२०२४
* मुक्तक *
हो गयी है अनकही बातें पुरानी देखिए।
किंतु थम जाती नहीं उनकी रवानी देखिए।
याद आ जाती कभी जब भी अचानक वो हमें।
बुन रही होती सहज नूतन कहानी देखिए।
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २१/०१/२०२४