** मुक्तक **
** मुक्तक **
~~
बुझा दीजिए पेट की आग को अब।
करें बंद बस वोट के राग को अब।
बहुत आज आतंक है हर जगह में।
विषैले कुचल दीजिए नाग को अब।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ३०/१०/२०२३
** मुक्तक **
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बुझा दीजिए पेट की आग को अब।
करें बंद बस वोट के राग को अब।
बहुत आज आतंक है हर जगह में।
विषैले कुचल दीजिए नाग को अब।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ३०/१०/२०२३