मुक्तक
मुक्तक
चेतना का स्वर जगाकर प्राण दे वो गीत है।
सूर्य की पहली किरण का राग ही संगीत है।।
स्वार्थ की संवेदना के शब्द हैं फीके सभी।
ढाई अक्षर प्रेम का पहचान ले वो मीत है।।
-जगदीश शर्मा सहज
मुक्तक
चेतना का स्वर जगाकर प्राण दे वो गीत है।
सूर्य की पहली किरण का राग ही संगीत है।।
स्वार्थ की संवेदना के शब्द हैं फीके सभी।
ढाई अक्षर प्रेम का पहचान ले वो मीत है।।
-जगदीश शर्मा सहज