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31 May 2023 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक
रचें इतिहास जो हरदम वतन पर जान देकर के ।।
बचाते हैं सदा सरहद नई पहचान देकर के।।
चटा ही धूल देते हैं नजर जो डाल दे दुश़्मन?
नमन करते रहैं उनको सदा सम्मान दे कर के ।।
सतीश पाण्डेय

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