मुक्तक
मुक्तक
रचें इतिहास जो हरदम वतन पर जान देकर के ।।
बचाते हैं सदा सरहद नई पहचान देकर के।।
चटा ही धूल देते हैं नजर जो डाल दे दुश़्मन?
नमन करते रहैं उनको सदा सम्मान दे कर के ।।
सतीश पाण्डेय
मुक्तक
रचें इतिहास जो हरदम वतन पर जान देकर के ।।
बचाते हैं सदा सरहद नई पहचान देकर के।।
चटा ही धूल देते हैं नजर जो डाल दे दुश़्मन?
नमन करते रहैं उनको सदा सम्मान दे कर के ।।
सतीश पाण्डेय