मुक्तक
नफ़रतें दिल की मुहब्बत को जला देती है
ये तो रिश्तों की सदाक़त को जला देती है
चोरियाँ करते जो देखो न हिकारत से उन्हें
पेट की आग शराफत को जला देती है
प्रीतम श्रावस्तवी
नफ़रतें दिल की मुहब्बत को जला देती है
ये तो रिश्तों की सदाक़त को जला देती है
चोरियाँ करते जो देखो न हिकारत से उन्हें
पेट की आग शराफत को जला देती है
प्रीतम श्रावस्तवी