मुक्तक-
मुक्तक-
खाली रहती जेब भले,शौक रहा धनवानों-सा।
रहा छलकता हरदम मैं ,जाम भरे पैमानों-सा।
दुख तो बीवी, बच्चों-सा, साथ हमेशा रहता है,
सुख आता है कभी-कभी,जीवन में मेहमानों-सा।
-डाॅ.बिपिन पाण्डेय
मुक्तक-
खाली रहती जेब भले,शौक रहा धनवानों-सा।
रहा छलकता हरदम मैं ,जाम भरे पैमानों-सा।
दुख तो बीवी, बच्चों-सा, साथ हमेशा रहता है,
सुख आता है कभी-कभी,जीवन में मेहमानों-सा।
-डाॅ.बिपिन पाण्डेय