मुक्तक
मुक्तक
सच को झूठ बनाऊँ कैसे,मुझमें ऐसा असर नहीं।
बिना झूठ के इस दुनिया में,होती यारों बसर नहीं।
जान रहा हूँ यह सच्चाई,फिर भी झुका नहीं पाए,
मुझे झुकाने में लोगों ने, छोड़ी कोई कसर नहीं।।
-डॉ बिपिन पाण्डेय
मुक्तक
सच को झूठ बनाऊँ कैसे,मुझमें ऐसा असर नहीं।
बिना झूठ के इस दुनिया में,होती यारों बसर नहीं।
जान रहा हूँ यह सच्चाई,फिर भी झुका नहीं पाए,
मुझे झुकाने में लोगों ने, छोड़ी कोई कसर नहीं।।
-डॉ बिपिन पाण्डेय