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10 Jun 2024 · 1 min read

मुक्तक ….

मुक्तक ….
ये हल्के उजाले , बुलाते हैं तुम को,
बहुत मिन्नतों से , मनाते हैं तुम को ,
कभी रूठना मत , न हटना भी पीछे ,
ख़बर दे खुशी की, सजाते हैं तुम को ।
✍️नील रूहानी…

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