*मुक्तक*
बेशक मतलबी सब लोग यहां पर मतलबी सब रिश्तेदार !
ना भड़क फ़ालतू की लिया करो दिन बचे ज़िंदगी के चार !!
जलने वाले जलते रहेंगे तुम बस खुशियां ढूंढो हर पल में !
आगे बढ़ो तरक्की करो भाड़ में जाएं जो हैं मतलब के यार !!
बेशक मतलबी सब लोग यहां पर मतलबी सब रिश्तेदार !
ना भड़क फ़ालतू की लिया करो दिन बचे ज़िंदगी के चार !!
जलने वाले जलते रहेंगे तुम बस खुशियां ढूंढो हर पल में !
आगे बढ़ो तरक्की करो भाड़ में जाएं जो हैं मतलब के यार !!