मुक्तक
तुम बार बार नजरों में आया न करो!
तुम बार बार मुझको तड़पाया न करो!
जिन्दा है अभी जख्म गमें-बेरुखी का,
तुम बार बार दर्द को बुलाया न करो!
मुक्तककार- #महादेव'(22)
तुम बार बार नजरों में आया न करो!
तुम बार बार मुझको तड़पाया न करो!
जिन्दा है अभी जख्म गमें-बेरुखी का,
तुम बार बार दर्द को बुलाया न करो!
मुक्तककार- #महादेव'(22)