मुक्तक
आज आसमान का रंग नीला क्यों है?
तेरे हाथ का रूमाल गीला क्यों है?
नभ तो ख़ुश है पूर्ण चंद्रमा के आने से
मेरे चाँद का मिज़ाज आज हठीला क्यों है?
आज आसमान का रंग नीला क्यों है?
तेरे हाथ का रूमाल गीला क्यों है?
नभ तो ख़ुश है पूर्ण चंद्रमा के आने से
मेरे चाँद का मिज़ाज आज हठीला क्यों है?