ताक़त
ताक़त को जिसने भी पाया है,
वो अकेला ही लड़ता आया है,
और जो भीड़ के साथ चला है,
वो कुछ खास नहीं पा पाया है।
– श्रीयांश गुप्ता
ताक़त को जिसने भी पाया है,
वो अकेला ही लड़ता आया है,
और जो भीड़ के साथ चला है,
वो कुछ खास नहीं पा पाया है।
– श्रीयांश गुप्ता