*मुक्तक*
ना ही किसी की चाहत ना ही कोई ख़्वाहिश !
ना ही इस दुनिया से अब कोई भी फ़रमाईश !!
जो भी होगा किस्मत में रब बिन मांगे दे देगा !
मानवता का धर्म निभा लो यही बस गुज़ारिश !!
ना ही किसी की चाहत ना ही कोई ख़्वाहिश !
ना ही इस दुनिया से अब कोई भी फ़रमाईश !!
जो भी होगा किस्मत में रब बिन मांगे दे देगा !
मानवता का धर्म निभा लो यही बस गुज़ारिश !!