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8 Feb 2022 · 1 min read

मुक्तक

वतन के नाम कर साँसे जो दुनिया छोड़ के निकलूं,
सफर जब आखिरी हो मै तिरंगा ओढ़ कर निकलूं ,
वतन की आन पर कुर्बान , मेरी जान हो जाये
रिवाज़ो की जंजीरों को यहां से तोड़ के निकलूं,,

Language: Hindi
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