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4 Feb 2022 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

जब कभी तुम मेरे सपने में आते हो।
मेरे ख्वाबों को हर बार जगाते हो।
खुली आंख में घुल जाते
स्वप्न एक आशा में्
सविता कि तरह दिव्य प्रकाश
फैलाते हो ।।

सुषमा सिंह

Language: Hindi
168 Views
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