मुक्तक
मुक्तक
जब कभी तुम मेरे सपने में आते हो।
मेरे ख्वाबों को हर बार जगाते हो।
खुली आंख में घुल जाते
स्वप्न एक आशा में्
सविता कि तरह दिव्य प्रकाश
फैलाते हो ।।
सुषमा सिंह
मुक्तक
जब कभी तुम मेरे सपने में आते हो।
मेरे ख्वाबों को हर बार जगाते हो।
खुली आंख में घुल जाते
स्वप्न एक आशा में्
सविता कि तरह दिव्य प्रकाश
फैलाते हो ।।
सुषमा सिंह