Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2021 · 1 min read

मुक्तक

शुभ दीपावली
?????????????
सजी धरती ये दुल्हन सी सिया संग राम आए हैं,
प्रभु पावन रज लिए चरणों में चारों धाम आए हैं
अति हर्षित अवध नगरी अधर फिर मुस्कुराए हैं
लौटकर वन से वर्षों बाद पुण्य परिणाम आए हैं
?????????????

Language: Hindi
225 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मईया के आने कि आहट
मईया के आने कि आहट
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मैंने किस्सा बदल दिया...!!
मैंने किस्सा बदल दिया...!!
Ravi Betulwala
शिक्षा मे भले ही पीछे हो भारत
शिक्षा मे भले ही पीछे हो भारत
शेखर सिंह
बंदे को पता होता कि जेल से जारी आदेश मीडियाई सुर्खी व प्रेस
बंदे को पता होता कि जेल से जारी आदेश मीडियाई सुर्खी व प्रेस
*प्रणय प्रभात*
स्वयंभू
स्वयंभू
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
जगदीश शर्मा सहज
*सबको भाती ई एम आई 【हिंदी गजल/गीतिका】*
*सबको भाती ई एम आई 【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
हमारे जख्मों पे जाया न कर।
हमारे जख्मों पे जाया न कर।
Manoj Mahato
जय बोलो मानवता की🙏
जय बोलो मानवता की🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिनके होंठों पर हमेशा मुस्कान रहे।
जिनके होंठों पर हमेशा मुस्कान रहे।
Phool gufran
मैं इंकलाब यहाँ पर ला दूँगा
मैं इंकलाब यहाँ पर ला दूँगा
Dr. Man Mohan Krishna
बूढ़ा बापू
बूढ़ा बापू
Madhu Shah
हयात कैसे कैसे गुल खिला गई
हयात कैसे कैसे गुल खिला गई
Shivkumar Bilagrami
हिन्दी दोहा
हिन्दी दोहा "प्रहार"
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जो लम्हें प्यार से जिया जाए,
जो लम्हें प्यार से जिया जाए,
Buddha Prakash
पिता है तो लगता परिवार है
पिता है तो लगता परिवार है
Ram Krishan Rastogi
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
Sukoon
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
वंशवादी जहर फैला है हवा में
वंशवादी जहर फैला है हवा में
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जीवन के रास्ते हैं अनगिनत, मौका है जीने का हर पल को जीने का।
जीवन के रास्ते हैं अनगिनत, मौका है जीने का हर पल को जीने का।
पूर्वार्थ
हम रहें आजाद
हम रहें आजाद
surenderpal vaidya
बिल्कुल नहीं हूँ मैं
बिल्कुल नहीं हूँ मैं
Aadarsh Dubey
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
अज्ञानता निर्धनता का मूल
अज्ञानता निर्धनता का मूल
लक्ष्मी सिंह
*Awakening of dreams*
*Awakening of dreams*
Poonam Matia
सरकार~
सरकार~
दिनेश एल० "जैहिंद"
राम नाम की जय हो
राम नाम की जय हो
Paras Nath Jha
कुछ तो बाक़ी
कुछ तो बाक़ी
Dr fauzia Naseem shad
अपने साथ तो सब अपना है
अपने साथ तो सब अपना है
Dheerja Sharma
Loading...