मुक्तक
सुबह अधूरी, शाम अधूरी, रात अधूरी छोड़ गए
मेरे दिल में अपनी धड़कन,बात अधूरी छोड़ गए,
अब भी तुमको ढूंढती रहती हूँ घर के हर कोने में
घर से निकले, यादों की सौगात अधूरी छोड़ गए,,
सुबह अधूरी, शाम अधूरी, रात अधूरी छोड़ गए
मेरे दिल में अपनी धड़कन,बात अधूरी छोड़ गए,
अब भी तुमको ढूंढती रहती हूँ घर के हर कोने में
घर से निकले, यादों की सौगात अधूरी छोड़ गए,,