मुक्तक
सीना चीर दे दुश्मन की वो जांबाज़ सूरत है,
बुलंद हौसलें इनके डटी फौलादी हिम्मत है,
ये हँसकर वतन पे जान भी क़ुर्बान कर देते
जंग में पीठ दिखलाना ना इनकी फ़ितरत है
सीना चीर दे दुश्मन की वो जांबाज़ सूरत है,
बुलंद हौसलें इनके डटी फौलादी हिम्मत है,
ये हँसकर वतन पे जान भी क़ुर्बान कर देते
जंग में पीठ दिखलाना ना इनकी फ़ितरत है