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20 Sep 2021 · 1 min read

मुक्तक

जऱा उलझनों से निकल करके देखे
हैं मुश्किल ये राहें मगर चल के देंखे
औऱों की खातिर जली ज्योति हरदम
खुद के लिए भी तो जल कर के देखे

Language: Hindi
201 Views
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