मुक्तक
क्यों ज़िंदगी की दौड़ में रफ़्तार के झगड़े,
रिश्तों में भी शामिल हुए दीवार के झगड़े,
ना कुछ लेके आये थे, ना कुछ लेके जाएंगे
जानें क्यूँ ”तेरा-मेरा” का ये बेकार के झगड़े,,
क्यों ज़िंदगी की दौड़ में रफ़्तार के झगड़े,
रिश्तों में भी शामिल हुए दीवार के झगड़े,
ना कुछ लेके आये थे, ना कुछ लेके जाएंगे
जानें क्यूँ ”तेरा-मेरा” का ये बेकार के झगड़े,,