मुक्तक
तड़पते हैं ना, रोते हैं ना फ़रियाद करते है,
सदा मेहनतों से अपना घर आबाद करते हैं,
छोड़ देने की धमकियों का भला डर हमे कैसा
तुमको आज खुद ही खुद से हम आज़ाद करते हैं
तड़पते हैं ना, रोते हैं ना फ़रियाद करते है,
सदा मेहनतों से अपना घर आबाद करते हैं,
छोड़ देने की धमकियों का भला डर हमे कैसा
तुमको आज खुद ही खुद से हम आज़ाद करते हैं