मुक्तक
।
ज़िंदगी तू बड़े बोल ना सिखा, जुबां रहने दे,
हमें पूजकर खुदा ना बना,बस इंसा रहने दे।
खारे समुन्दर के पानी को किसने है चखा,
प्यास लोगों की दे बुझा,नदिया सा बहने दे।
© ® उषा शर्मा
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ज़िंदगी तू बड़े बोल ना सिखा, जुबां रहने दे,
हमें पूजकर खुदा ना बना,बस इंसा रहने दे।
खारे समुन्दर के पानी को किसने है चखा,
प्यास लोगों की दे बुझा,नदिया सा बहने दे।
© ® उषा शर्मा