मुक्तक
केवल मनोरंजन नहीं कवि धर्म है,
साहित्य दे कुछ प्रेरणा कवि कर्म है |
कर्तव्य पथ पर कवि चले, यह सोच ले,
सम्मान पायेगा सदा यह मर्म है |
डॉ हरिमोहन गुप्त
केवल मनोरंजन नहीं कवि धर्म है,
साहित्य दे कुछ प्रेरणा कवि कर्म है |
कर्तव्य पथ पर कवि चले, यह सोच ले,
सम्मान पायेगा सदा यह मर्म है |
डॉ हरिमोहन गुप्त