मुक्तक
धड़कनों में वही एक हलचल हुई
इश्क़ की दास्ताँ सब मुक़म्मल हुई
दो दिलों का मिलन आज ऐसे हुआ
वो कलंकित कथा नेह निर्मल हुई
अदम्य
धड़कनों में वही एक हलचल हुई
इश्क़ की दास्ताँ सब मुक़म्मल हुई
दो दिलों का मिलन आज ऐसे हुआ
वो कलंकित कथा नेह निर्मल हुई
अदम्य