मुक्तक
तुम सलामत रहो, मै रहूं ना रहूं
लब्ज दिलके किसी से कहूं ना कहूं
संग अपनों के रहकर जियो जिंदगी,
आज जिंदा हूं कल में रहूं ना रहूं
तुम सलामत रहो, मै रहूं ना रहूं
लब्ज दिलके किसी से कहूं ना कहूं
संग अपनों के रहकर जियो जिंदगी,
आज जिंदा हूं कल में रहूं ना रहूं