Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Apr 2021 · 1 min read

मुक्तक

क्षणिकायें

1.

चिलचिलाती धूप मे
दोनों हाथों से
ठेले को धकेलता
बार – बार पसीना पोछता
वह आदमी
जीवन मे
कामयाब होने का
आभास देता है

&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&

2.

कुछ अधफटे
वस्त्रों से
अपने अंगों को
संभालती
एक अधजले हाथ को
वस्त्रों मे छुपाती
अपनी व्यथा को
चहरे पर अंकित कर
दायाँ हाथ फैला
भीख मांगती
वह लड़की
आने वाले कल को
सभी समाज मे
परिवर्तित करने का
एक सफल प्रयास
कर रही है
समाज मे इस तरह के
चरित्र
पथ – प्रदर्शक की
भूमिका निभाते हैं

*********************************

3.

जिंदगी इतनी छोटी
भी नहीं कि
पलक झपकते ही
जिंदगी की
शाम हो जाए
तू जिंदगी का
एक पल
किसी के नाम कर
उसके उजड़े चमन को
रोशन कर
अपनी जिंदगी को
सफल कर सकता है

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 341 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

दिवानगी...
दिवानगी...
Manisha Wandhare
ना देखा कोई मुहूर्त,
ना देखा कोई मुहूर्त,
आचार्य वृन्दान्त
श्याम रुप छवि
श्याम रुप छवि
Sonu sugandh
कुछ अजीब से वाक्या मेरे संग हो रहे हैं
कुछ अजीब से वाक्या मेरे संग हो रहे हैं
Ajad Mandori
monalisa
monalisa
DR ARUN KUMAR SHASTRI
☝️      कर्म ही श्रेष्ठ है!
☝️ कर्म ही श्रेष्ठ है!
Sunny kumar kabira
खामोशी से तुझे आज भी चाहना
खामोशी से तुझे आज भी चाहना
Dr. Mulla Adam Ali
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
आर.एस. 'प्रीतम'
कलानिधि
कलानिधि
Raju Gajbhiye
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
पूर्वार्थ
ଏହା ହେଉଛି ସମୟ
ଏହା ହେଉଛି ସମୟ
Otteri Selvakumar
चक्की
चक्की
Kanchan verma
दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए
दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए
इंजी. संजय श्रीवास्तव
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
कृष्णकांत गुर्जर
"दुनिया को पहचानो"
Dr. Kishan tandon kranti
होली
होली
Mukesh Kumar Sonkar
#स्वागतम
#स्वागतम
*प्रणय*
विकल्प///स्वतन्त्र कुमार
विकल्प///स्वतन्त्र कुमार
स्वतंत्र ललिता मन्नू
बेटी दिवस पर
बेटी दिवस पर
डॉ.सीमा अग्रवाल
- भूल जाए कैसे -
- भूल जाए कैसे -
bharat gehlot
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
रोक लें महाभारत
रोक लें महाभारत
आशा शैली
कस्तूरी इत्र
कस्तूरी इत्र
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
!! होली के दिन !!
!! होली के दिन !!
Chunnu Lal Gupta
3616.💐 *पूर्णिका* 💐
3616.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बीता हुआ कल
बीता हुआ कल
dr rajmati Surana
जो नभ को कण समझता है,
जो नभ को कण समझता है,
Bindesh kumar jha
*सोना-चॉंदी कह रहे, जो अक्षय भंडार (कुंडलिया)*
*सोना-चॉंदी कह रहे, जो अक्षय भंडार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सावन
सावन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
दुष्ट कभी भी बाज़
दुष्ट कभी भी बाज़
RAMESH SHARMA
Loading...