मुक्तक
अकेले इश्क का दरिया यहाँ हम पार करते हैं।
उसी पीपल तले हम आज इंतेज़ार करते हैं।
जरा जज़्बात समझो लौटकर वापस चले आओ
तुम्हीं को चाहते हैं हम तुम्हीं से प्यार करते हैं।
अदम्य
अकेले इश्क का दरिया यहाँ हम पार करते हैं।
उसी पीपल तले हम आज इंतेज़ार करते हैं।
जरा जज़्बात समझो लौटकर वापस चले आओ
तुम्हीं को चाहते हैं हम तुम्हीं से प्यार करते हैं।
अदम्य