Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Mar 2021 · 1 min read

मुक्तक

1.

समझेंगे् दर्द क्या वो, जिसने सहे नहीं हैं!
जानेंगे् क्या गरीबी, मुफलिस रहे नहीं हैं!
जो छोड़कर मेरा घर, अब दूर जा चुके हैं!
वो हैं हमारे् अपने, दिल से गये नहीं हैं!

2.

तुम चाहे् जो भि पा लो, मुझे् ना भुला सकोगी!
तुम दूर कितना् हो लो, ना दूर जा सकोगी!
तुमने मुझे है् छोड़ा, इस घर को् छोड़ कर के!
तुम तन से् दूर हो लो, दिल से न जा सकोगी!

3.

मंदिर मे् मन के् तुमको, मैंने रखा सजा के!
जो आ सको प्रिये तुम, तो देखो् दिल मे् आके!
कालेज के समय की, मधुरिम नशीली् यादें,
रक्खी है्ं डायरी में, सबकी नज़र छुपा के!

……✍ सत्य कुमार ‘प्रेमी’

Language: Hindi
263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all
You may also like:
अतीत
अतीत
Bodhisatva kastooriya
रात
रात
sushil sarna
अनपढ़ प्रेम
अनपढ़ प्रेम
Pratibha Pandey
"सियासत"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम पाना,नियति है..
प्रेम पाना,नियति है..
पूर्वार्थ
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
शिव प्रताप लोधी
__________सुविचार_____________
__________सुविचार_____________
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
पारिजात छंद
पारिजात छंद
Neelam Sharma
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
राष्ट्रीय किसान दिवस
राष्ट्रीय किसान दिवस
Akash Yadav
चाहते नहीं अब जिंदगी को, करना दुःखी नहीं हरगिज
चाहते नहीं अब जिंदगी को, करना दुःखी नहीं हरगिज
gurudeenverma198
कलिपुरुष
कलिपुरुष
Sanjay ' शून्य'
रोशनी का रखना ध्यान विशेष
रोशनी का रखना ध्यान विशेष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
23/55.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/55.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरा वतन
मेरा वतन
Pushpa Tiwari
समय
समय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कहमुकरियाँ हिन्दी महीनों पर...
कहमुकरियाँ हिन्दी महीनों पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
विश्वास
विश्वास
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
..
..
*प्रणय प्रभात*
ममता का सागर
ममता का सागर
भरत कुमार सोलंकी
खुद की तलाश में।
खुद की तलाश में।
Taj Mohammad
"प्यार तुमसे करते हैं "
Pushpraj Anant
एक मन
एक मन
Dr.Priya Soni Khare
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बिना मांगते ही खुदा से
बिना मांगते ही खुदा से
Shinde Poonam
यहां कुछ भी स्थाई नहीं है
यहां कुछ भी स्थाई नहीं है
शेखर सिंह
*जब हो जाता है प्यार किसी से*
*जब हो जाता है प्यार किसी से*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
पसीना पानी देता मुझको,
पसीना पानी देता मुझको,
TAMANNA BILASPURI
"अपेक्षा"
Yogendra Chaturwedi
आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
kumar Deepak "Mani"
Loading...