मुक्तक
दिल लेने या देने की चीज नहीं है, ये तो बस खुद के लिए खुद को मिला होताहै….
फिर न बैचेनी न जुदाई, बेरुखी ना नफरत, महक लिए गुलशन सा खिला रहता है…
दिल लेने या देने की चीज नहीं है, ये तो बस खुद के लिए खुद को मिला होताहै….
फिर न बैचेनी न जुदाई, बेरुखी ना नफरत, महक लिए गुलशन सा खिला रहता है…