मुक्तक
बहर:-221 2121 1221 212
तुम राग हो मधुर तो तराना मैं बन गया।
देखा जो आपको तो दिवाना मैं बन गया।
कहती थी जो कभी कि तुमतो जान हो मेरी
उसकी नज़र में आज पुराना मैं बन गया।
बहर:-221 2121 1221 212
तुम राग हो मधुर तो तराना मैं बन गया।
देखा जो आपको तो दिवाना मैं बन गया।
कहती थी जो कभी कि तुमतो जान हो मेरी
उसकी नज़र में आज पुराना मैं बन गया।