मुक्तक
विचारों की जो भट्टी से यहाँ तपकर निकलते हैं ।
सितारे भी उन्हीं लोगों के दुनिया में चमकते हैं ।
अडिग निज मार्ग पर जो भाग्य से लड़कर बढ़े आगे –
वही जग में समर्पण का नवल इतिहास गढ़ते हैं ।।
✍️ अरविन्द त्रिवेदी
विचारों की जो भट्टी से यहाँ तपकर निकलते हैं ।
सितारे भी उन्हीं लोगों के दुनिया में चमकते हैं ।
अडिग निज मार्ग पर जो भाग्य से लड़कर बढ़े आगे –
वही जग में समर्पण का नवल इतिहास गढ़ते हैं ।।
✍️ अरविन्द त्रिवेदी