मुक्तक
हमेशा वो ही कहे की आप कैसे हो…
गीत गजल रुबाई तनहाई शरमाई महफिल या संताप जैसे हो…
जो जैसी भावना रखेगा वैसा नाम देदेगा,
एक खुद पर लिखो कविता बता दो आप केसे हो…
हमेशा वो ही कहे की आप कैसे हो…
गीत गजल रुबाई तनहाई शरमाई महफिल या संताप जैसे हो…
जो जैसी भावना रखेगा वैसा नाम देदेगा,
एक खुद पर लिखो कविता बता दो आप केसे हो…