आ गए हो यूं किस के बहकाने मे तुम
आ गए हो यूं किस के बहकाने मे तुम
चले आए हो जो आज मयखाने मे तुम
कौन है जो तेरे दर्द की वजह बन गया
आखिर लगे हो किस को भुलाने में तुम
क्या ग़म है जो चेहरे पे छायी है उदासी
इतना हिचकिचाते क्यूं हो मुस्कुराने मे तुम
जिनकी फितरत में ही नहीं वफ़ा करना
क्यों लगे हो उन लोगो को समझाने में तुम
दिल अब भी कर रहा है “अर्श” मनमानियां
नाकाम रहे हो दिल को बहलाने में तुम