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4 Jan 2021 · 1 min read

मुक्तक

विधाता छन्द
1222 1222, 1222 1222

मुक्तक

तुम्हारी याद में कोमल, तराने गीत लिखता हूँ।
ह्रदय से आज मैं अपने, पुरानी प्रीत लिखता हूँ।
हमारी लेखनी को जो, सहारा मिल गया तेरा,
प्रणय की हार को भी मैं, हमेशा जीत लिखता हूँ।

अदम्य

Language: Hindi
305 Views
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