मुक्तक
मस्त पागल ये हवाएं जब बुलाएगी
तब फंसाने में हमें तेरे फसाएगी
सावनी शीतल फुहारें द्वार से गुजरे
तब पिया की याद हमको तो सताएगी
मस्त पागल ये हवाएं जब बुलाएगी
तब फंसाने में हमें तेरे फसाएगी
सावनी शीतल फुहारें द्वार से गुजरे
तब पिया की याद हमको तो सताएगी