मुक्तक
भाषा अपनी बोली भी मन में हो मस्तक पर हो,
न मोह अंग्रेजी से भी हो सभी का एक ही स्वर हो।
राजभाषा न ही केवल राष्ट्रभाषा भी बने जल्द,
हिंदी के साथ देश उन्नत यही बात अब घर घर हो।।
–अशोक छाबडा
भाषा अपनी बोली भी मन में हो मस्तक पर हो,
न मोह अंग्रेजी से भी हो सभी का एक ही स्वर हो।
राजभाषा न ही केवल राष्ट्रभाषा भी बने जल्द,
हिंदी के साथ देश उन्नत यही बात अब घर घर हो।।
–अशोक छाबडा