मुक्तक
न मैं गीत लिखता न ही गजल न कविता खास लिखता हूँ,
छू जाये जो दिल को मेरे चैन औ खटास लिखता हूँ।
सीमा पर सैनिक दे पहरा और महफूज हम सारे,
सलामी रखी है जो दिल में वही जो पास लिखता हूँ।।
–अशोक छाबडा
न मैं गीत लिखता न ही गजल न कविता खास लिखता हूँ,
छू जाये जो दिल को मेरे चैन औ खटास लिखता हूँ।
सीमा पर सैनिक दे पहरा और महफूज हम सारे,
सलामी रखी है जो दिल में वही जो पास लिखता हूँ।।
–अशोक छाबडा