*मुक्तक*
भीड़ में खड़ा होना मकसद नहीं है मेरा, भीड़ जिसके लिए खड़ी हो, वो बनना है मुझे !
अपने लिए तो सब करते हैं, जिनका कोई नहीं, उनके लिए कुछ करना है मुझे !!
भीड़ में खड़ा होना मकसद नहीं है मेरा, भीड़ जिसके लिए खड़ी हो, वो बनना है मुझे !
अपने लिए तो सब करते हैं, जिनका कोई नहीं, उनके लिए कुछ करना है मुझे !!