मुक्तक
जिंदगी है तो जी लो खुशी से,
जिंदगी _का _भरोसा _नहीं है
यहां अपनों के अपने ही दुश्मन,
अब किसी_ का भरोसा नहीं है
प्यार करके वो अक्सर है रोए,
रोते दिल कोसहारा नहीं है
टूट जाओगे अक्सर वहीं पर
फिर_ तुम्हारा _सहारा नहीं है
जिंदगी है तो जी लो खुशी से,
जिंदगी _का _भरोसा _नहीं है
यहां अपनों के अपने ही दुश्मन,
अब किसी_ का भरोसा नहीं है
प्यार करके वो अक्सर है रोए,
रोते दिल कोसहारा नहीं है
टूट जाओगे अक्सर वहीं पर
फिर_ तुम्हारा _सहारा नहीं है