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8 Sep 2020 · 1 min read

मुक्तक

खुश रहें सब और क्या ही मेरी मिट्टी चाहेगी
मिट्टी उठ कर आखिर मिट्टी को ही तो जाएगी ।
~ सिद्धार्थ

सभी अच्छे ही हो महफ़िल में ये जरूरी तो नहीं
तुम अच्छे हो तकरार नहीं, हम जमाने में सबसे ख़राब निकले!
~ सिद्धार्थ

लिखने वालों से तुम कभी ये मत पूछो
तुम जिसे लिख रहे हो उसे जीते हो क्या ?
~ सिद्धार्थ

जो नज़र में रहें चिराग बन कर, भला कौन उन्हें नज़र अंदाज़ कर पाएगा
अपने ही दिल के धड़कनों को क्या कोई जाहिल अनसुना कर पाएगा ।
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 441 Views
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