मुक्तक
आंसुओं की कीमत का अंदाज न होगा
जिस के बहे तुम्हे वो एहसास न होगा
बेखबर बन गए सब जानकार भी
रात भर कितने बहे सोचा भी न होगा
अजीत कुमार तलवार
मेरठ
आंसुओं की कीमत का अंदाज न होगा
जिस के बहे तुम्हे वो एहसास न होगा
बेखबर बन गए सब जानकार भी
रात भर कितने बहे सोचा भी न होगा
अजीत कुमार तलवार
मेरठ