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26 Jun 2020 · 1 min read

मुक्तक

जीवन में कदम भटक से गए
कुछ जागते हुए सोते ही रह गए
दस्तक तो दी थी समय ने सब को
पर सुनकर भी अनजान से रह गए

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Comment · 422 Views
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