मुक्तक
ये दौलत यहीं छोड़ जाते सभी।
गरीबों को फिर क्यों सताते सभी।
यहाँ की अदालत से बचते मगर –
खुदा के भवन दंड पाते सभी।
ये दौलत यहीं छोड़ जाते सभी।
गरीबों को फिर क्यों सताते सभी।
यहाँ की अदालत से बचते मगर –
खुदा के भवन दंड पाते सभी।