Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2020 · 1 min read

मुक्तक

नाव पर बैठा आदमी कहां मुमतईन होता है
प्यासा है मगर समुद्री पानी नमकीन होता है
सुख दुःख मिलाकर जिन्दगी मुकम्मल होता है
सुबह-शाम मिलता है तब एक दिन होता है

नूरफातिमा खातून “नूरी”
2/5/2020

Language: Hindi
3 Likes · 518 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
Trishika S Dhara
मन साधना
मन साधना
Dr.Pratibha Prakash
मुहब्बत की लिखावट में लिखा हर गुल का अफ़साना
मुहब्बत की लिखावट में लिखा हर गुल का अफ़साना
आर.एस. 'प्रीतम'
सत्यम शिवम सुंदरम🙏
सत्यम शिवम सुंदरम🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
भारत को निपुण बनाओ
भारत को निपुण बनाओ
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Everything happens for a reason. There are no coincidences.
Everything happens for a reason. There are no coincidences.
पूर्वार्थ
वक्त से लड़कर अपनी तकदीर संवार रहा हूँ।
वक्त से लड़कर अपनी तकदीर संवार रहा हूँ।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
4248.💐 *पूर्णिका* 💐
4248.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय प्रभात*
रतन टाटा जी
रतन टाटा जी
Paurnima Sanjay Kumbhar
"ये कलम"
Dr. Kishan tandon kranti
"संस्कार'
DrLakshman Jha Parimal
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
Pushpraj devhare
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
Phool gufran
*लक्ष्मीबाई वीरता, साहस का था नाम(कुंडलिया)*
*लक्ष्मीबाई वीरता, साहस का था नाम(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बारिश पुकार कर, कहती है यार से,,
बारिश पुकार कर, कहती है यार से,,
Neelofar Khan
अपने हर
अपने हर
Dr fauzia Naseem shad
मन को भिगो दे
मन को भिगो दे
हिमांशु Kulshrestha
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।
जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।
सत्य कुमार प्रेमी
सब कुछ बदल गया,
सब कुछ बदल गया,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
Swati
-: काली रात :-
-: काली रात :-
Parvat Singh Rajput
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
झूठों की महफिल सजी,
झूठों की महफिल सजी,
sushil sarna
गांव और वसंत
गांव और वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अब उनके हौसले भी पस्त होने लगे हैं,
अब उनके हौसले भी पस्त होने लगे हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बोलने को मिली ज़ुबां ही नहीं
बोलने को मिली ज़ुबां ही नहीं
Shweta Soni
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
I Have No Desire To Be Found At Any Cost
I Have No Desire To Be Found At Any Cost
Manisha Manjari
Loading...