मुक्तक
नाव पर बैठा आदमी कहां मुमतईन होता है
प्यासा है मगर समुद्री पानी नमकीन होता है
सुख दुःख मिलाकर जिन्दगी मुकम्मल होता है
सुबह-शाम मिलता है तब एक दिन होता है
नूरफातिमा खातून “नूरी”
2/5/2020
नाव पर बैठा आदमी कहां मुमतईन होता है
प्यासा है मगर समुद्री पानी नमकीन होता है
सुख दुःख मिलाकर जिन्दगी मुकम्मल होता है
सुबह-शाम मिलता है तब एक दिन होता है
नूरफातिमा खातून “नूरी”
2/5/2020