मुक्तक
दिमाग नहीं दिल को लिए फिरती हूं
तभी तो दिमाग वालों को ख़राब लगती हूं
~ सिद्धार्थ
2.
न तेरे आने में हम हैं, न तेरे जाने में
हम तो तुझ में हैं और दिल तेरे बहाने में
~ पुर्दिल सिद्धार्थ
3.
मैं मर के फिर उठूंगी एक दिन अपने कब्र से
उससे कहूंगी…
चल मुहब्बत वालों का काफिला सजाते हैं
हम मुहब्बत से भरी एक दुनियां बनाते हैं
~ पुर्दिल सिद्धार्थ