Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2020 · 1 min read

मुक्तक

अपनी जुबान को खन्जर मत बनाइए
यूं किसी के दिल पर पत्थर मत चलाइए
खुद को तबाही से बचाकर रखिए लोगों
बेकसूर की आंखों को समन्दर मत बनाइए

नूरफातिमा खातून” नूरी”
११/४/२०२०

Language: Hindi
1 Like · 460 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हक़ीक़त ये अपनी जगह है
हक़ीक़त ये अपनी जगह है
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद
मनोज कर्ण
"हास्य कथन "
Slok maurya "umang"
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
पूर्वार्थ
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हिंदुस्तान जिंदाबाद
हिंदुस्तान जिंदाबाद
Aman Kumar Holy
कविता
कविता
Shiva Awasthi
उड़ते हुए आँचल से दिखती हुई तेरी कमर को छुपाना चाहता हूं
उड़ते हुए आँचल से दिखती हुई तेरी कमर को छुपाना चाहता हूं
Vishal babu (vishu)
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
DrLakshman Jha Parimal
#आज_का_शेर
#आज_का_शेर
*Author प्रणय प्रभात*
राणा सा इस देश में, हुआ न कोई वीर
राणा सा इस देश में, हुआ न कोई वीर
Dr Archana Gupta
सब्र रख
सब्र रख
VINOD CHAUHAN
#दिनांक:-19/4/2024
#दिनांक:-19/4/2024
Pratibha Pandey
मेरी हसरत जवान रहने दे ।
मेरी हसरत जवान रहने दे ।
Neelam Sharma
पुण्य धरा भारत माता
पुण्य धरा भारत माता
surenderpal vaidya
"तलाश"
Dr. Kishan tandon kranti
बचपन
बचपन
नन्दलाल सुथार "राही"
2344.पूर्णिका
2344.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बाकी है...!!
बाकी है...!!
Srishty Bansal
!.........!
!.........!
शेखर सिंह
देख कर उनको
देख कर उनको
हिमांशु Kulshrestha
चयन
चयन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
काश असल पहचान सबको अपनी मालूम होती,
काश असल पहचान सबको अपनी मालूम होती,
manjula chauhan
#कुछ खामियां
#कुछ खामियां
Amulyaa Ratan
अमिट सत्य
अमिट सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
*तारे (बाल कविता)*
*तारे (बाल कविता)*
Ravi Prakash
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
कवि दीपक बवेजा
रिश्ते चाय की तरह छूट रहे हैं
रिश्ते चाय की तरह छूट रहे हैं
Harminder Kaur
"प्रेमको साथी" (Premko Sathi) "Companion of Love"
Sidhartha Mishra
Loading...