मुक्तक
1
जिन्हें हम प्यार करते हैं वो अक्सर रुठ जाते हैं।
मिले गर प्यार फूलों से तो पत्थर रुठ जाते हैं।
मनाने रूठने से प्यार बढ़ता है मगर मुझसे,
अगर तुम रुठ जाते हो मुक़द्दर रूठ जाते हैं।।
2
जो लहजे गम के सागर में डुबोकर लौट जाते हैं।
तो आँसू आँख की पलकों को छूकर लौट जाते हैं।
वो बोले दिल्लगी को प्यार जो समझे खता उसकी,
मैं सुनकर टूट जाता हूँ वो कहकर लौट जाते हैं।।