मुक्तक
कहां कुछ है ऎसा जिसे चूम लूं मैं
मेरी जन्नत तू
आ तेरे कदमों को चूम के झूम लूं मैं
~ सिद्धार्थ
2.
मेरे चैन का जरा इंतजाम तो करो
आज कल खुद को ही याद कर रहा हूं मैं
~ सिद्धार्थ
कहां कुछ है ऎसा जिसे चूम लूं मैं
मेरी जन्नत तू
आ तेरे कदमों को चूम के झूम लूं मैं
~ सिद्धार्थ
2.
मेरे चैन का जरा इंतजाम तो करो
आज कल खुद को ही याद कर रहा हूं मैं
~ सिद्धार्थ